आज के इस व्यस्त दैनिक जीवन में कौन नहीं चाहता के उसका और उसके परिवार का स्वास्थ्य अच्छा रहे तथा परिवार में शांति बानी रहे।
लेकिन आपके चाहने या ना चाहने से ही अगर सब कुछ हो जाता तो हर परेशानी हल नहीं हो जाती??
हम चाहे या ना चाहे लेकिन जाने अनजाने ही सही लेकिन ख़राब खाने पीने का हम शिकार होते ही रहते हैं। हो सकता है हम थोड़ा से पैसे और खर्च करके अपना खान पान और अच्छा कर ले लेकिन ये विषैला होता जा रहा हमारा वातावरण???
इससे कैसे बचेंगे?
इसके लिए तो कोई उपाय ही नहीं है और ना ही हम घर में खुद को बंद करके रख सकते हैं।
इसके लिए ज़रूरी है के अपनी शारीरिक और मानसिक शक्ति को बढ़ाया जाए
तो ज़रूरत है अपने दैनिक जीवन में सुधार की आयुर्वेद की शरण लेने की और हमारे पूर्वजो द्वारा प्रदान किये गए उपायों को अपनाने की ।
हमारी “स्वास्थ्य माला ” कुछ हमारे ही पूर्वजो के नुस्खों उपायों के आधार पर बानी है जो हमारी मानसिक शक्ति को बढ़ता है और रोगो से लड़ने के लिए क्षमता पैदा करता है।
आइये जानते हैं ये कैसे काम करती है : –
हमारी धरती अपने अंदर ना जाने कितने प्रकार के खनिज समाये हुए है। ऊपर से शांत दिखने वाली धरती अंदर से हमेशा तपती रहती है। इसमें अंदर छुपा हुआ यह खनिज लावे के रूप में 700 से 1200 डिग्री तक गरम होता है। धरती में जब कहीं कहीं ज्वालामुखी बनकर फट जाते हैं तभी यह लावा सतह तक आ पता हैi। इतना गरम पिघला हुआ लावा चाहे उस वक़्त किसी भी इंसान के लिए जानलेवा हो सकता है परन्तु ठंडा होने के बाद ये किसी गुणकारी औषधि से कम नहीं होता।
हमारी स्वास्थय माला इसी ज्वालामुखी के लावा से बनी है जो के हमारे शरीर से संपर्क में रहे तो बहुत सी परेशानियों से लाभ पहुँचती है । जैसे किसी को ब्लड प्रेशर की परेशानी रहती हो या दिल बहुत घबराता हो ये सब दिक्कतों में इस माला को धारण करने से लाभ होता है। इसके साथ ही मस्तिष्क में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है
इस स्वास्थ्य माला को ज़रूर पहने और अपने घर के वृद्ध जनो को भी पहनाय।
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