February 23, 2020 By ankur kaushik 0

व्यवसाय या नौकरी से परेशान ??

आजीविका प्राप्त करने के लिए आवश्यक है कि व्यक्ति या तो कोई अच्छी नौकरी पाए या उसका स्वयं का व्यवसाय हो। वर्तमान में दोनों में ही स्थायित्व कि कमी मिलती है । सरकारी नौकरी मिलना असंभव नहीं तो बहुत अधिक कठिन तो हो ही गया है और निजी संस्थानों में बोझ इतना बढ़ गया है कि व्यक्ति वहां अधिक दिन तक कार्य करने में सक्षम नहीं हो पता या संसथान के मालिकों द्वारा बिना किसी कारण के कभी भी हटाया जा सकता है।

जहाँ तक स्वयं के व्यवसाय कि बात है, तो उसमे भी स्थायित्व की स्थिति बहुत कम ही दिखाई देती है। एक व्यवसाय में व्यक्ति अपनी सम्पूर्ण पूंजी लगा कर जिस लाभ की अपेक्षा करता है वैसा लाभ उसे कम ही मिल पता है। कभी कभी कुछ घटनाये या दुर्घटनाये व्यक्ति के व्यवसाय को एकदम से नीचे ला के रख देती हैं।

ऐसी स्थिति में व्यक्ति को या तो क़र्ज़ लेकर व्यवसाय चलना होता है या व्यवसाय बंद कर देना पड़ता है। दोनों ही स्थितियों में व्यक्ति के आर्थिक स्थिति प्रभावित होती हैं
ऐसे में हर व्यक्ति की अभिलाषा यही रहती है की वो ऐसी नौकरी या व्यवसाय करे जिसमे पूर्ण रूप से स्थायित्व हो. वर्तमान में इस समस्या से अधिकांश युवा वर्ग संघर्ष करता दिखाई दे रहा है पर उपयुक्त राह नहीं मिल पा रही है


आज के ज़माने की हिसाब से व्यवसाय बदलना एक समय तक तो ठीक हो सकता है लेकिन कुछ समय बाद ऐसा करना हानिकारक हो सकता है . और वैसे भी ३० वर्ष की आयु के बाद नौकरी या कारोबार में स्थायित्व आना बहुत ज़रूरी होता है। अचानक नौकरी छूट जाये या व्यवसाय में हानि होने से व्यक्ति एक दम से आर्थिक समस्याओ में फस जाता है जिससे उसका परिवार भी प्रभावित हुए बिना नहीं रह पाता।
अतः ऐसी समस्या का निवारण होना बहुत ज़रूरी है. कुछ विशिष्ट उपाय हम आपको दे रहे हैं ये उपाय इस प्रकार हैं :-

जब भी कभी नौकरी लगे या व्यवसाय शुरू करें , तब से प्रत्येक पूर्णिमा के दिन रात्रि के समय किसी स्वच्छ प्लेट में देसी कपूर का लगभग 10 ग्राम का टुकड़ा लें, इस टुकड़े पर 2 लौंग (फूल वाली ) , 1 ग्राम अष्टगंध (घर बैठे मंगवाए) , 1 ग्राम गुरलेखा (घर बैठे मंगवाए) और एक बड़ी इलाइची भी उसपर रख दें। इसके बाद पूर्व दिशा की तरफ मुँह करके कपूर को जला दे। जब कपूर जलेगा तो उसके साथ ये सामग्री भी जलेगी। जब तक ये सब जले तब तक “ॐ सर्व मनोकामना पूर्ण करताय नमः ” मन्त्र का उच्चारण करे और अंत में कामना भी करे की
” हे प्रभो ! मुझे मेरे कार्य में स्थायित्व प्रदान करने की कृपा करे। 15 पूर्णिमा लगातार करने से कार्य सिद्ध हो जायेंगे कारोबार या नौकरी स्थायित्व को प्राप्त हो जायेगा