जाने राधाष्टमी का शुभ महूर्त, विधि व महत्व
ऐसा कहा जाता है की जिसने राधा को प्रसन्न कर लिया उसे भगवान कृष्ण की भी कृपा मिल जाती है। राधा कृष्णा के बिना अधूरी है और कृष्ण उनके बिना।
ऐसी ही ब्रिज किशोरी राधा की जन्म तिथि का त्यौहार भाद्रपद अष्टमी को सम्पूर्ण भारत में मनाया जाता है । जीतनी धूम धाम से मथुरा वृन्दावन में क्रष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है ख़ास ऐसा ही माहौल राधा अष्टमी को देखने को मिल जाता है . मान्यता तो यह भी कहती है की श्री राधा वृन्दावन की अधीश्वरी हैं जिनकी कृपा के बिना सारे काम अधूरे है।
जैसा के आपको पता भी है आज यानी 26 अगस्त 2020 को राधाष्टमी का शुभ अवसर है लेकिन इसको मनाया कैसे जाना है आज हम आपको बताते है
राधा अष्टमी (radha ashtami) 2020 शुभ मुहूर्त
राधा अष्टमी बुधवार, अगस्त 26, 2020 को
अष्टमी तिथि प्रारम्भ – अगस्त 25, 2020 को 12:21 PM बजे
अष्टमी तिथि समाप्त – अगस्त 26, 2020 को 10:39 AM बजे
राधा अष्टमी (radha ashtami 2020 puja vidhi) पूजा विधि:-
इस दिन सूर्योदय से पहले स्नान करें.और फिर स्वच्छ कपड़े पहनकार एक चौकी पर पीला कपड़ा बिछाएं.
उस पर श्री राधा कृष्ण के युगल रूप की प्रतिमा या फोटो विराजित करें.
प्रतिमा पर फूलों की माला चढ़ाएं. चंदन का तिलक लगाएं. साथ ही तुलसी पत्र भी अर्पित करें. राधा रानी के मंत्रों का जप करें.
राधा चालीसा और राधा स्तुति का पाठ करें. श्री राधा रानी और भगवान श्री कृष्ण की आरती करें.
आरती के बाद पीली मिठाई या फल चढ़ाएं.
राधाष्टमी व्रत का महत्त्व भी जाने:-
राधा अष्टमी का व्रत करने से सभी पापों का नाश होता है. राधा अष्टमी का व्रत महिलाएं रखती हैं. राधा रानी उनको अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद देती हैं. साथ ही घर परिवार में सुख-समृद्धि और शांति रहती है तथा नि:संतानों को संतान सुख प्राप्त होता है. इस दिन व्रत रहने से घर में लक्ष्मी का वास होता है. सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं, जीवन सुखमय हो जाता है.